Product Description
• दुर्गा सप्तशती चंडी पाठ
दुर्गा सप्तशती चंडी पाठ के माध्यम से करें अपने पारिवारिक जीवन की सभी बाधाओं को दूर।
• दुर्गा सप्तशती चंडी पाठ के लाभ
दुर्गा सप्तशती चंडी पाठ से मिलेगी घर के सभी सदस्यों को शारीरिक व मानसिक समस्या से हमेशा-हमेशा के लिए मुक्ति।
• सबसे सटीक उपाय
मां दुर्गा का आशीर्वाद पाने और जीवन में हर प्रकार के क्रोध, लोभ और ईर्ष्या को दूर करने के लिए दुर्गा सप्तशती चंडी पाठ है सबसे सटीक उपाय।
• अभी करवाएं ऑनलाइन पाठ व अनुष्ठान
अब घर बैठकर करवाएं दुर्गा सप्तशती चंडी पाठ और इस आसान, सस्ती और सुलभ सेवा का उठाएं लाभ!
दुर्गा सप्तशती चंडी पाठ (एक दिन)
सनातन धर्म के अनुसार दुर्गा सप्तशती शक्ति, भक्ति और समृद्धि की देवी मां दुर्गा से जुड़ा अत्यंत पावन धार्मिक ग्रंथ है। ऐसे में पूरे समर्पण के साथ इसके पाठ के जप मात्र से ही, जातक को मां दुर्गा का आशीर्वाद मिलता है, जिससे न केवल उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं बल्कि उसके परिवार के समस्त शत्रुओं का भी अंत होता है। ये माना गया है कि जो भी व्यक्ति दुर्गा सप्तशती पाठ व अनुष्ठान कराता या करता है, उसके पारिवारिक जीवन में सुख-समृद्धि व व्यक्तिगत और व्यावसायिक संबंधों में सुधार आने के योग सुनिश्चित होते हैं। इसलिए यदि घर का कोई सदस्य किसी प्रकार की बुरी नज़र, जादू-टोटके, बाधाओं व स्वास्थ्य कष्टों से परेशान हैं तो, दुर्गा सप्तशती पाठ अत्यंत चमत्कारी सिद्ध होता है। ये पाठ-अनुष्ठान किसी विद्वान या योग्य पंडित द्वारा एक दिन में संपन्न किया जाता है। इसमें श्री दुर्गा सप्तशती का एक पूर्ण पाठ होगा।
पूजा की संपूर्ण जानकारी और विधि
विस्तृत पूजन विधि
किसी भी पूजन की शुरुआत वैदिक मंत्रों के उच्चारण व जप के साथ होती है। पूजा में "होम" (हवन) अनुष्ठान भी शामिल है जिसमें घी, तिल, जौ और अन्य पवित्र सामग्री व मंत्र का पाठ करते हुए, अग्नि को अर्पित की जाती है। जातक को इस पूजा से सर्वश्रेष्ठ लाभ देते हुए, उसकी समस्या को दूर करने के लिए यज्ञ एक महत्वपूर्ण उपाय होता है। अधिकतम सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने के लिए, वैदिक पूजा सबसे अच्छे मुहूर्त, नक्षत्र के दिन करनी चाहिए। शुभ मुहूर्त के दौरान पूजा को पूरा करने के लिए, एक पुजारी यानी एक पंडित जी अथवा अधिक पंडितों को नियुक्त किया जाता है, जो समय अनुसार पूजा को संपन्न करते हैं ।
पूजन-अनुष्ठान में होता है चमत्कारी वैदिक मंत्रों का उच्चारण
पूजन-अनुष्ठानों के दौरान पारंपरिक वैदिक मंत्रों का जप, जातकों के लिए बहुत महत्व रखता है। इस जप से ही मन, आत्मा और ऊर्जा को शुद्ध करने में मदद मिलती है, जिससे जातक मानसिक शक्ति और कौशल को पुनः प्राप्त करने में सक्षम होता है। इन वैदिक मंत्रों के जप से मिलने वाली सकारात्मक ऊर्जा से वातावरण में शांति और समृद्धि आती है, जिससे सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने में मदद मिलती हैं। पूजा-पाठ के दौरान उससे संबंधित मंत्रों का जाप ही जातक को आध्यात्मिक जागृति की ओर ले जाता है और उसे देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलना सुनिश्चित होता है। साथ ही मंत्रों की मदद से ही जातक को पूजा से शुभाशुभ परिणाम और आशीर्वाद के लिए देवी-देवताओं को प्रसन्न करने में भी मदद मिलती है।
पूजन के लाभ
• वैदिक ज्योतिष अनुसार पूजन करने से जीवन में समृद्धि आती हैं।
• पूजन
कराने
से जातक को मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं।
• जातक
के व्यवहार में सकारात्मकता आती है।
• जीवन
में
प्रसिद्ध
, मान्यता
और मान-सम्मान प्राप्त होता है।
• घर
के सदस्यों का स्वास्थ्य बेहतर होता है।
• यह
पूजा
अथवा
अनुष्ठान
कराने
से आपके महत्वपूर्ण कार्य संपन्न होते हैं।
• इस
पूजा
के प्रभाव से आपके वो सभी कार्य जो रुके हुए थे, वो पूरे हो जाते हैं।
• शारीरिक
और मानसिक चिंताएं दूर होती हैं।
• नौकरी, करियर और जीवन में आ रही सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती है।
योग्य व कर्मकांडी ब्राह्मण करते हैं मार्गदर्शन
ज्योतिषाचार्य भाग्यराज महाजन जी के वरिष्ठ पुरोहित के नेतृत्व में सभी पूजा संपन्न की जाती हैं। हमारे प्रतिष्ठित व वरिष्ठ ज्योतिषी, अपनी विद्या की मदद से जन कल्याण का कार्य करते हुए जातकों के दुखों, कष्टों और समस्याओं का निवारण करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। खास बात ये कि पूजा-पाठ करने वाले हमारे ज्योतिषी व पुरोहित अकादमिक और ज्योतिषीय योग्यता व अनुभव के मापदंडों पर प्रमाणित होते हैं, उन्हें स्वयं ज्योतिषाचार्य दीपक वैरिफाइड करता है और ये वरिष्ठ पुरोहित पूजा-पाठ के दौरान, आपके हर प्रश्न का सरलता व स्पष्टता से उत्तर देने में पूरी तरह सक्षम होते हैं।